नई दिल्ली 02 जनवरी :पेरिस ओलम्पिक में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास बनाने वाली युवा निशानेबाज मनु भाकर और सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन डी गुकेश सहित चार खिलाड़ियों को देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार 'खेल रत्न' से सम्मानित किया जाएगा जबकि 32 खिलाड़ियों को 'अर्जुन' पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने गुरूवार को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा की। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 17 जनवरी, 2025 को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में विजेताओं को सम्मानित करेंगी। मनु और गुकेश के अलावा ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्रवीण कुमार को खेल रत्न प्रदान किया जाएगा। मनु ने न सिर्फ ओलंपिक 2024 के व्यक्तिगत मुकाबले में भारत का परचम लहराया बल्कि 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर कांस्य पदक जीता। पेरिस ओलंपिक में मिली इस दोहरी कामयाबी ने उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। शतरंज की सनसनी डी गुकेश को भी खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। गुकेश ने पिछले महीने 12 दिसंबर को शतरंज की दुनिया का युवा वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया था। सिंगापुर में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर खिताब जीता था वो महज 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बने, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। खेल मंत्रालय ने यह घोषणा करते हुए एक बयान में कहा कि समिति की सिफारिशों और सरकार की जांच के आधार पर खिलाड़ियों, कोच, विश्वविद्यालयों को पुरस्कार देने का फैसला किया गया है। मनु-हरमनप्रीत ने ओलंपिक, गुकेश ने विश्व चैंपियनशिप में किया प्रभावित 22 वर्ष की मनु एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली खिलाड़ी बनी थीं जिन्होंने अगस्त में पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और मिश्रित टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। पेरिस ओलंपिक में ही हरमनप्रीत सिंह की कप्तानी में भारत ने लगातार दूसरे ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। 18 वर्ष के गुकेश सबसे युवा विश्व चैंपियन बने जो पिछले साल शतरंज ओलंपियाड में भारतीय टीम के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक में भी सूत्रधार रहे थे। पैरा हाई जंपर प्रवीण ने पेरिस पैरालंपिक में टी64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था। यह उन खिलाड़ियों की श्रेणी है जिनका घुटने से नीचे एक या दोनों पैर नहीं होता है और वे दौड़ने के लिए कृत्रिम पैर पर निर्भर होते हैं। 32 खिलाड़ियों को मिलेगा अर्जुन पुरस्कार खेल रत्न के अलावा 32 खिलाड़ियों को 2024 में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। इनके साथ एथलीट सुचा सिंह और पैरा तैराक मुरलीकांत राजाराम पेटकर को अर्जुन अवॉर्ड लाइफटाइम पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बेहतर कोचिंग देने के लिए पांच लोगों को द्रोणाचार्य पुरस्कार मिलेगा, जिसमें बैडमिंटन कोच एस मुरलीधरन और फुटबॉल कोच अरमांडो एगनेलो कोलासो को लाइफटाइम वर्ग में शामिल किया गया है। फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार मिलेगा। वहीं, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय को ओवरऑल यूनिवर्सिटी विजेता के तौर पर मौलाना अबुल कलाम आजाद (माका) ट्रॉफी मिलेगी। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी फर्स्ट रनरअप और अमृतसर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी सेकेंड रनरअप रही। अर्जुन पुरस्कार ज्योति याराजी - एथलेटिक्स अन्नु रानी - एथलेटिक्स नीतू - बॉक्सिंग स्वीटी - बॉक्सिंग वंतिका अग्रवाल - शतरंज सलीमा टेटे - हॉकी अभिषेक - हॉकी संजय - हॉकी जर्मनप्रीत सिंह - हॉकी सुखजीत सिंह - हॉकी राकेश कुमार - पैरा-आर्चरी प्रीति पाल - पैरा-एथलेटिक्स सचिन सरजेराव खिलारी - पैरा एथलेटिक्स धर्मबीर - पैरा एथलेटिक्स प्रणव सूर्मा - पैरा एथलेटिक्स एच होकातो सेमा - पैरा एथलेटिक्स सिमरन - पैरा एथलेटिक्स नवदीप - पैरा एथलेटिक्स थुलासिमाती मुरुगेसन - पैरा बैडमिंटन नित्या श्री सुमाथी सिवान - पैरा बैडमिंटन मनीषा रामदास - पैरा बैडमिंटन कपिल परमार - पैरा जूडो मोना अग्रवाल - पैरा निशानेबाजी रुबीना फ्रांसिस - पैरा निशानेबाजी स्वप्निल सुरेश कुसाले - निशानेबाजी सरबजोत सिंह - निशानेबाजी अभय सिंह - स्क्वैश साजन प्रकाश - तैराकी अमन सहवारत - कुश्ती अर्जुन अवॉर्ड (लाइफटाइम) सुचा सिंह - एथलेटिक्स मुरलीकांत राजाराम पेटकर - पैरा तैराक द्रोणाचार्य अवॉर्ड (नियमित वर्ग) सुभाष राणा - पैरा निशानेबाजी दीपाली देशपांडे - निशानेबाजी संदीप सांगवान - हॉकी द्रोणाचार्य अवॉर्ड (लाइफटाइम वर्ग) एस मुरलीधरन - बैडमिंटन अरमांडो एगनेलो कोलासो - फुटबॉल राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) मौलाना अबुल कलाम आजाद (माका) ट्रॉफी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी - ओवरऑल विनर लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी - प्रथम उपविजेता अमृतसर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी - द्वितीय उपविजेता