भोपाल रेल मंडल दिव्यांग यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और किराये में रियायत प्रदान करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। मंडल रेल प्रबंधक श्री देवाशीष त्रिपाठी के मार्गदर्शन और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ कटारिया के नेतृत्व में, चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक 911 दिव्यांग रेलवे रियायत कार्ड जारी किए जा चुके हैं। यह कदम रेलवे द्वारा दिव्यांगजन की यात्रा को आसान और सुलभ बनाने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा प्रयास है। *कैसे बनवाएं दिव्यांग रियायत कार्ड?* दिव्यांगजन अब सरल प्रक्रिया के माध्यम से रियायत कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज तैयार रखने होंगे: 1. चिकित्सा प्रमाणपत्र: जिला चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी। 2. पासपोर्ट साइज फोटो। 3. आधार कार्ड और जन्म प्रमाणपत्र। 4. रियायत प्रमाणपत्र: यह डॉक्टर द्वारा प्रमाणित होना चाहिए कि व्यक्ति बिना सहयोगी (एस्कॉर्ट) के यात्रा करने में असमर्थ है। इन दस्तावेजों को रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट https://divyangjanid.indianrail.gov.in पर अपलोड करें। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद रियायत कार्ड जारी किया जाएगा, और इसकी जानकारी आपको एसएमएस के माध्यम से भेजी जाएगी। है। आवेदक को फॉर्म भरते समय सावधानीपूर्वक सही जानकारी देनी चाहिए। *कैसे प्राप्त करें किराये में छूट?* रेलवे दिव्यांगजन यात्रियों के लिए किराये में 25% से लेकर 75% तक की विशेष छूट प्रदान करता है। यह सुविधा ऑर्थोपेडिकली हैंडिकैप्ड, मानसिक रूप से अस्वस्थ, दृष्टिहीन और श्रवण व वाणी बाधित व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है। विशेष बात यह है कि दिव्यांगजन के साथ यात्रा करने वाले सहयोगी (एस्कॉर्ट) को भी उतने ही प्रतिशत की छूट दी जाती है। यह छूट दिव्यांगता और यात्रा की श्रेणी के आधार पर निर्धारित की जाती है। जारी किए गए रियायत कार्ड की जानकारी रेलवे के सॉफ़्टवेयर में अपडेट कर दी जाती है, जिससे टिकट बुकिंग के समय केवल रियायत कार्ड की फोटो कॉपी दिखाकर किराए में छूट का लाभ लिया जा सकता है। यह सुविधा ई-टिकट पर भी उपलब्ध है। दिव्यांग रियायत कार्ड बनवाने या इस सुविधा से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए भोपाल मंडल के यात्री हेल्पलाइन नंबर 9630951262 पर संपर्क कर सकते हैं।भोपाल मंडल का यह कदम दिव्यांग यात्रियों के लिए सस्ती और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत पहल है। भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे, ताकि अधिक से अधिक दिव्यांगजन को इसका लाभ मिल सके।