मकर संक्रांति हिंदुओं के प्रमुख त्यौहारों है इस दिन सूर्य, धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और यह भी माना जाता है की तिलतिल दिन बड़ा होता है और कहा जाय की हिंदू परम्परा के अनुसार दिम बड़े और रात छोटी होने लगाती है |. वैसे तो मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है लेकिन इस बार ज्योतिषीय गणना की मानें तो यह पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. इसीलिए इस क्रिया को मकर संक्रांति कहा जाता है.
मकर संक्रांति मनाने के पीछे की कहानी ये है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर गए थे और अपनी नाराजगी को भुला दिया था. इसलिए ये मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने से लाभ मिलता है और सुख में वृद्धि होती है. इसके अलावा भारत में इस दिन को इसलिए भी खास माना जाता है क्योंकि लोग खास तौर पर इस दिन तिल के लडू और खिचड़ी का दान करते है और सुहागन महिलाए अन्य सुहागन महिलाओं को सुहाग की चीजे उपहार मे देती है और छोटे बड़े सभी उम्र के लोग पतंग उड़ाते हैं.
अगर मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त की बात करें तो स्नान सुबह के समय करना शुभ है. वहीं संक्रांति काल 07:19 बजे है. इसका पुण्यकाल 07:19 से 12:31 बजे तक रहेगा और इसका महापुण्य काल 07:19 से 09:03 बजे तक रहेगा. इस बार मकर संक्रांति के 15 जनवरी को मनाए जाने का कारण ये है कि सूर्य 14 जनवरी को रात में 2 बजकर 7 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. चूंकि ये क्रिया 14 जनवरी को आधी रात में होगी इसलिए इसे 15 जनवरी को मनाया जा रहा है.