भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने अब कर्मचारियों (Employees) की जनरल प्रोविडेंट फाइंड (GPF) राशि पर ब्याज दर में कमी कर दी है। अधिकारियों व कर्मचारियों की जीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर में 8% से घटाकर 7.9 फ़ीसदी कर दी है, जिसका कर्मचारी मै भारी रोष है । मध्य प्रदेश सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फाइंड ((GPF) की ब्याज दर में कटौती कर जुलाई 2019 से मार्च 2020 तक के लिए ब्याज दर को 7.9 फ़ीसदी कर दिया है, जबकि अप्रैल से जून 2029 में जनरल प्रोविडेंट फंड और अन्य सामान्य पर ब्याज दर 8 फ़ीसदी थी। अप्रैल 2019 से जून 2019 की तिमाही में ब्याज दर 8 फ़ीसदी थी, इसके बाद इससे अचानक .1 फ़ीसदी कम कर दिया गया है जिस कर्मचारी संगठन विरोध किया है
इस कम किये गये ब्याज दर से राज्य सरकार के 5 लाख से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हुआ है। वहीं दूसरी ओर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने भविष्य निधि जमा पर चालू कारोबारी साल 2019-20 के लिए ब्याज दर को 8.5 फ़ीसदी कर दिया। मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एसबी सिंह का कहना है कि सरकार लगातार कर्मचारियों के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचा रही है। पहले महंगाई भत्ते की राशि नहीं दी, वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई, सातवें वेतन की तीसरी किस्त नहीं दी, जीपीएफ पर ब्याज दर कम कर दी।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को मेल पत्र प्रेषित कर मांग की है कि भविष्य निधि पर घोषित ब्याज दर 8.5 फ़ीसदी के समान ही जनरल प्रोविडेंट फंड की ब्याज दर भी 7.9 फ़ीसदी से बढ़ाकर 8.5 फ़ीसदी की जाए, जिससे प्रदेश के लाखों अधिकारी एवं कर्मचारियों को फायदा मिल सके। शर्मा का कहना है कि केंद्र की जीपीएफ ब्याज दर के समान ही प्रदेश सरकार देती है लेकिन अब मध्यप्रदेश में उसे कम कर दिया गया है। सरकार कर्मचारियों के आर्थिक हितों को नुकसान पहुंचाते हुए निर्णय लिए जा रही हैं जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है।