मोदी सरकार ने रविवार को राज्यसभा में दो कृषि बिल पास करा लिए हैं. हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिस दिन भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सिस्टम पर कोई खतरा पैदा होगा, वे उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.
मालूम हो कि केंद्र सरकार के कृषि बिलों को लेकर किसानों का मानना है कि इनसे MSP सिस्टम खत्म हो जाएगा. रविवार को इसी मुद्दे पर बोलते हुए हरियाणा में बीजेपी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने कहा, “संसद में पारित हुए कृषि बिलों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को समाप्त करने का कोई उल्लेख नहीं है.” और अगर “जिस दिन भी एमएसपी सिस्टम पर कोई खतरा पैदा होगा, मैं उसी दिन अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा.”
NDA में सहयोगी शिरोमणी अकाली दल भी इस बिलों को लेकर केंद्र सरकार से काफी नाराज है. मालूम हो गुरुवार को ही मोदी सरकार में अकाली दल की एक मात्र केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पद से इस्तीफा दे दिया था.
अकाली दल बहुत लंबे समय से बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही है, माना जा रहा है कि अकालियों ने किसानों के प्रदर्शन के दबाव में आकर यह कदम उठाया है.
अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने पहले कहा था कि शिरोमणि अकाली दल इस बिल का सख्त विरोध करता है. हर बिल जो देश के लिए हैं, देश के कुछ हिस्से उसे पसंद करते हैं. कुछ हिस्सों में उसका स्वागत नहीं होता है. किसानों को लेकर आए इन तीन बिलों से पंजाब के 20 लाख किसान प्रभावित होने जा रहे हैं. 30 हजार आढ़तिए, तीन लाख मंडी मजदूर और 20 लाख खेत मजदूर पर इसका प्रभाव होगा । “सरकार 50 साल से बनी फसल खरीद की व्यवस्था को बर्बाद कर रही है और उनकी पार्टी इसके खिलाफ है.”
मालूम हो कि राज्यसभा में विपक्ष के लगातार विरोध के बावजुद विधेयक 2020 ध्वनिमत से पारित हो गए.
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