हिंदू पंचाग में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को ऋषि पंचमी मनाई जाती है. वैसे हर साल गणेश चतुर्थी के अगले दिन ही ऋषि पंचमी का पर्व मनाया जाता है. सनातन धर्म में ऋषि पंचमी का विशेष महच्व है. इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा-अर्चना की जाती है. ऋषि पंचमी त्योहार नहीं बल्कि व्रत के रूप में मनाई जाती है. जाने-अनजाने हुई गलतियों और भूल से मुक्ति पाने के लिए लोग ये व्रत जरूर करते हैं. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति ऋषियों की पूजा-अर्चना और स्मरण करता है उन्हें पापों से मुक्ति मिल जाती है. कहते हैं हरतालिका तीज के दो दिन और गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद ये पर्व मनाया जाता है. इस बार ये 11 सितंबर को मनाया जाएगा. आइए जानते हैं इस साल ऋषि पंचमी का पर्व का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है.
⚛️ ऋषि पंचमी शुभ मुहूर्त
ऐसा माना जाता है कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से अगर किसी महिला से रजस्वला (महामारी) के दौरान अगर कोई भूल हो जाती है, तो इस व्रत को करने उस भूल के दोष को समाप्त किया जा सकता है. ऋषि पंचमी के व्रत और पूजा की खास बात ये है कि इसे करने के लिए किसी खास समय की जरूरत नहीं है. शुभ मुहूर्त 11 सितंबर सुबह 6 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 12 सितंबर 6 बजकर 7 मिनट पर ही समाप्त होगा. ऋषि पंचमी के लिए पूरा दिन ही शुभ है. आप किसी भी समय पूजा आदि कर सकते हैं.