रांची ,26 अगस्त; खनन लीज मामले में झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने अपना फैसला सुना दिया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में राज्यपाल ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने की अनुशंसा कर दी है। हालांकि राजभवन ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। अब राज्यपाल इसकी जानकारी चुनाव आयोग को देंगे। इसके बाद चुनाव आयोग इसकी अधिसूचना जारी करेगा। चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य घोषित करने के मामले में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने इसी साल फरवरी में दावा किया था कि हेमंत सोरेन ने पद का दुरुपयोग किया और खुद को खनन पट्टा आवंटित किया। उन्होंने आरोप लगाया था कि ये एक ऐसा मसला है जिसमें हितों के टकराव के साथ भ्रष्टाचार की बात शामिल है। श्री रघुवर ने जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। चुनाव आयोग ने इस मामले में मई महीने में एक नोटिस भेजकर खनन पट्टे को लेकर उनका पक्ष जानना चाहा था।
ऐसे सामने आया मामला
दरअसल एक आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शर्मा ने दो पीआईएल दायर कर सीबीआई और ईडी से एक माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी। यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनके और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है। आरोप है कि सीएम हेमंत ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा लीं। इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी से करवाने की मांग गई थी।
फ़ाइल फोटो