मुंबई। पीएम मोदी की अगुवाई में 500 और 1000 के पुराने नोट बंद का फैसला इतने गुपचुप तरीके से किया गया था कि इस बारे में देश के टॉप बैंकर्स को भी पता नहीं था। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर की रात को नोटबंदी के फैसले के बारे में देश को बताया, देश के टॉप बैंकर्स को भी इस फैसले के बारे में तब ही पता चला था। देश के सभी टॉप बैंकों के चेयरपर्सन, एमडी और आरबीआई के अधिकारियों को नवंबर के पहले हफ्ते में सिर्फ यह बताया गया था कि 8 नवंबर की शाम को साउथ मुंबई स्थित आरबीआई के हेडक्वॉर्टर में एक अहम बैठक होनी है। बैठक के एजेंडे या दूसरी चीजों के बारे में उन्हें कुछ भी नहीं पता था।
बैठक आरबीआई के मिंट स्ट्रीट हेडक्वॉर्टर की 15वीं मंजिल पर थी। इस बैठक में सिर्फ उन बैंकरों को बुलाया गया था जिनके पास तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव है। हांलांकि बैठक से पहले आरबीआई सभी बैंकरों को नोटिस देकर बैठक के बारे में जानकारी देती है ताकि वे पूरी तैयारी के साथ बैठक में आ सकें, लेकिन इस बैठक के बारे में किसी भी बैंकर को कुछ भी नहीं बताया गया था। बैठक शाम 7 बजे शुरू हुई।