पुणे। नया साल बस आने ही वाला है और लोग नए साल के जश्न की तैयारी करने में भी लग गए हैं अगर आप भी ऐसी तैयारियों में लगे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि समाज के ठेकेदार और भगवा संगठन आपके इस जश्न का मजा किरकिरा कर सकते हैं। पुणे में एशिया के सबसे बड़े म्यूजिक फेस्टिवल्स में से एक सनबर्न फेस्टिवल को हिंदू संस्कृति विरोधी बताते हुए कुछ भगवा संगठन इसका विरोध कर रहे हैं जिसके चलते 31 दिसंबर की रात को मामला बिगड़ सकता है।
पुणे से करीब 25 किलोमीटर दूर केसनंद गांव में हो रहे इस फेस्टीवल में दुनिया भर के कई मशहूर डीजे, म्यूजिक कंपोजर हिस्सा ले रहें हैं। सनातन संस्था सहित स्थानीय ग्रामीणों का आरोप हैं कि इस फेस्टिवल में शराब और अश्लीलता परोसी जाती है। इस फेस्टिवल को हिंदू संस्कृति के खिलाफ बताते हुए आंदोलन किए जा रहे हैं। सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक का कहना है कि पुणे संतों की भूमि है, फेस्टिवल में जो अश्लीलता होगी उसे हम होने नहीं देंगे।
गौरतलब है कि जिस केसनंद गांव के करीब यह सनबर्न फेस्टिवल किया जा रहा हैं वहां पिछले लगभग दस सालों से शराब पर पाबंदी है। गांव की पंचायत ने इस फेस्टिवल के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया है। हिंदूवादी संगठनों के विरोध को देखते हुए यहां भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात की गई है। इसके अलावा आयोजकों ने करीब 600 निजी बाउंसर भी तैनात किये हैं।
इस फेस्टिवल के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। यह फेस्टिवल 31 दिसंबर तक चलेगा। भगवा संगठनों के विरोध को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं इस फेस्टीवल का रंग बेरंग ना हो जाए।