भोपाल : उदयन इतना शातिर था कि वह भोली-भाली और गरीब घर की लड़कियों पर हाथ भी नहीं डालता था। कोई लड़की उसकी शान-शौकत देखकर उससे दोस्ती बढ़ाना भी चाहती तो मना कर देता। उदयन सिर्फ उन लड़कियों को अपना निशाना बनाता था जो खुले विचारों वाली थीं और पहली मुलाकात में शराब, कबाब और शबाब के लिए तुरंत तैयार हो जाए। उसने आकांक्षा और पूजा से पहली मुलाकात में ही दोस्ती की थी।
उदयन दास की मौसी शिप्रा चटर्जी वर्तमान में भेल के किसी विद्यालय में शिक्षिका हैं। कल्पना नगर स्थित जिस 62 नंबर मकान में वे रहती हैं, उनके पड़ोसियों से उनका कोई संबंध नहीं है। इसी तरह उनके दोनों बड़े भाई भेल से सेवानिवृत्त हैं। छोटा भाई सुबह टहलने जाता है, लेकिन बड़ा भाई घर के बाहर लगे पौधों में पानी देने के लिए ही बाहर निकलते हैं। उनके मकान का दरवाजा सिर्फ दो बार ही कुछ समय के लिए खुलता है। पड़ोसियों ने बताया कि यह पूरा परिवार अंतर्मुखी है। उद्यन के मकान में संचालित होने वाले आश्रम में पांच जनवरी की शाम से ताला लग गया है। जब ब्रह्कुमारी बहन अंजु से फोन पर संपर्क किया गया तो किसी अन्य ने फोन उठाया।
पंचवटी में न्यू व्यंजन स्वीट्स नाम की दुकान से आरोपी उदयन हमेशा दो लोगो के लिए खाना और नाश्ता पैक कराता था। दुकान में कार्य करने वाले एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आरोपी उद्यन पहले काले रंग की कार से युवती के साथ आता था। इसके बाद वह अकेले आने लगा, लेकिन अकेले आता था तो किसी से बात नहीं करता था। लगातार दुकान के बाहर सड़क किनारे सिगरेट पीता घंटों खड़ा रहता था।