वेस्टप इंडीज के दिग्गज बल्ले्बाज शिवनारायण चंद्रपॉल अभी भी क्रिकेट के मैदान में सक्रिय हैं। हालांकि अंतरराष्ट्री य क्रिकेट को उन्होंरने जनवरी 2016 में अलविदा कह दिया था। रविवार(12 मार्च) को उन्होंवने और उनके बेटे ने एक प्रथम श्रेणी मैच में अर्धशतक जड़ दिए। जमैका के खिलाफ गुयाना की ओर से खेलते हुए चार दिवसीय टूर्नामेंट में चंद्रपॉल और उनके बेटे टैगनारायण ने अर्धशतक लगाए। चंद्रपॉल चौथे नंबर पर बल्ले बाजी करने को आए जबकि उनके बेटे ने ओपनिंग की। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 12.2 ओवर में 38 रन जोड़े। दोनों की पारियों की मदद से गुयाना ने पहली पारी में 262 रन बनाए। वहीं जमैका की पहली पारी 255 रन पर समाप्तर हुई। चंद्रपॉल 42 साल के हो चुके हैं और राष्ट्री य टीम से अब वे बाहर हैं। उनके और टैगनारायण के बीच उम्र का 21 साल का फासला है।
चंद्रपॉल ने साल 1994 में अंतरराष्ट्री य क्रिकेट में कदम रखा था। इसके दो साल बाद 1996 में उनके बेटे टैगनारायण का जन्मक हुआ था। अब दोनों साथ मिलकर खेलते हैं। इस मैच से पहले भी वे फर्स्टग क्ला स क्रिकेट में साथ खेल चुके हैं। एक नॉन फर्स्टथ क्लापस मैच में तो दोनों ने मिलकर शतक भी उड़ा दिए थे। 2012 में गांधी यूथ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से खेलते हुए दोनों ने 256 रन की साझेदारी की थी। बाप-बेटे में काफी समानता है। चंद्रपॉल की तरह उनका बेटा भी बाएं हाथ का बल्लेेबाज है। साथ ही क्रीज पर आने के बाद गार्ड लेने के लिए वह भी बेल को जमीन में ठोककर निशान बनाता है।
चंद्रपॉल वेस्टे इंडीज के दूसरे सबसे सफल क्रिकेटर हैं। उन्होंदने 164 टेस्ट5 में 11867 रन बनाए और 30 शतक लगाए हैं। वह केवल ब्रायन लारा से पीछे हैं। वनडे क्रिकेट की बात करें तो 268 वनडे में उन्होंंने 8778 रन बनाए हैं। इंग्लैं्ड के खिलाफ ब्रिजटाउन में उन्होंकने आखिरी बार टेस्टे खेला था। वहीं अंतिम वनडे 2011 में पाकिस्ताजन के खिलाफ खेला था। क्रिकेट में ऐसे मौके बहुत ही कम ही आते हैं जब पिता-पुत्र एक साथ किसी मैच में खेलते हो। चंद्रपॉल टी20 क्रिकेट भी खेल चुके हैं। उनका बल्लेोबाजी स्टा इल काफी यूनिक था। साथ ही बैटिंग के दौरान वे आंखों के नीचे स्टीेकर्स जैसा कुछ लगाकर उतरते थे।
सभारा जनसत्ता