रायपुर। 11वीं-12वीं के बाद अब पहली से 8वीं तक की किताबें राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के अनुरूप तैयार की जाएंगी। इससे मध्यप्रदेश के जमाने से चले आ रहे 17 साल पुराने पाठों से छात्रों को मुक्ति मिलेगी। अक्टूबर में सबसे पहले छठवीं से आठवीं तक की किताबों को रिवाइज किया जाएगा। अगले चरण में पहली से पांचवीं की होंगी। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने किताब लेखन से पहले एनसीईआरटी और राजस्थान, गुजरात जैसे मॉडल राज्यों का अध्ययन करेगी।
एससीईआरटी संचालक सुधीर कुमार अग्रवाल के अनुसार पहली-दूसरी व नौवीं-दसवीं की किताबें एनसीईआरटी के अनुरूप बनाई गई हैं। बाकी 2006-07 में अंतिम बार लिखी गईं। एनसीएफ (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क) के मुताबिक हर 5 साल में किताबें बदलनी हैं, लेकिन नहीं बदली गई हैं।
एनसीईआरटी भोपाल एनालिसिस रिपोर्ट 2016 में बताया गया था कि कुछ पाठ उबाऊ व कठिन हैं, इसलिए बदलाव जरूरी है। शिक्षा सचिव विकासशील का कहना है कि अब लर्निंग आउटकम के हिसाब से पाठों का संकलन सीखने-सिखाने पर आधारित होगा।