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माँ से बढकर कुछ नही है दुनिया मै और आज ही के दिन ‘मदर्स डे’क्यों सेलिब्रेट किया जाता है

माँ यह शब्द है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन मै सबसे ज्यादा मह्त्व रखता है और ईश्वर से भी बढा माना जाता है भगवान ने सृष्टि की रचना की है परंतु धरती पर भगवान हर जगह नही होता है उसने अपनी उपस्थिती दर्ज कराने के लिये उसने माँ को बनाया है । क्योकि माँ ही है जिससे किसी की उत्पती होती है । वही है जब किसी को जन्म देती है और वह उसकी देखभाल करती वह भी बिना किसी स्वार्थ के उसका पालान करती है जब शिशु उसकी कोख मै आता है तब से लेकर वह और जन्म से लेकर जबतक वह अपने पैरो खडा होकर अपनी गृहस्ती बसाने तक और तो और जबतक उसकी भी संतान नही हो जाती तब तक उसी के बारे मै सोचती रहती और उसकी सेवा करती है । जिसमै उसका कोई स्वार्थ नही होता है ऐसी होती है माँ । परंतु आज के आधुनिक परिवेक्ष मै माँ के लिये मान्यता बदल रही है माँ तो निस्वार्थ है परंतु संतान स्वार्थी हो गई है की माँ उनके किताने काम आ सकती है कितना उनके लिये काम कर सकती है अगर नही होतो माँ को वृध्दा आश्राम मै उनका स्थान होता है । लेकिन उस परिस्थिती मै भी एक माँ ही होती है जो सिर्फ अपने बच्चो के बारे ही सोचती है।
मा की जरुरत तो पृथ्वी पर सभी को होती है चाहे पशु पक्षी या मानव सभी को जरुरत होती है । परंतु पृथ्वी पर मावन है जिसे सोचने और समझने की शक्ति होती है जो संकट के समय मै भे माँ को हो याद करता है । मै जब वह दुनिया मै आता है तो सबसे पहले उसका सामना माँ से होता है और जो पहला शब्द बोलता है । माँ ही होता है जो उसे सभी परेशानीयो और गम से बचाकर रखती है । माँ ही उसकी पहली गुरू होती है जो उसको अच्छे बुरे का ज्ञान देती है माँ पहली सखा भी होती है जिससे बच्चा अपनी बाते शेयर करते है । दुनिया का सबसे गहरा रिश्ता एक बच्चे का अपनी ‘मां’ के साथ होता है. ये वो रिश्ता है जिसे न सिर्फ दुनिया में बल्कि सभी धार्मिक ग्रंथों में सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है. उम्र के हर पढ़ाव में इंसान अपनी मां के लिए सबसे ज्यादा भावुक होता है.
मां हमारी ज़िंदगी में इतनी ख़ास होती हैं कि हर तकलीफ में सबसे पहले उनका ही ख्याल आता है. दुनिया के इसी सबसे खूबसूरत रिश्ते को सम्मानित करने के लिए एक दिन चुना गया है, जिसे ‘मदर्स डे कहा जाता है. पूरी दुनिया में ‘मदर्स डे’ मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है.
अलग-अलग देशों में ‘मदर्स डे’ को मनाने की अलग-अलग कहानी है. आइये हम आपको इनसे रूबरू करवाते हैं.
मदर्स डे ग्राफटन वेस्ट वर्ज़िनिया में एना जॉर्विस द्वारा माताओं और उनके मातृत्व के लिए आरंभ किया गया था. इसका उद्देश्यद मां को उसके प्रेम और समर्पण के प्रति सम्माुन देना था.
माना जाता है इस दिन की शुरूआत पुराने ग्रीस से हुई थी. स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, उनके सम्मान में ही यह दिन मनाया जाता था.
यूरोप और ब्रिटेन में ‘मदर्स डे’ को एक खास संडे को मनाया जाता है जिसे कि ‘मदरिंग सन्डे’ कहते हैं.
चीन में, मातृ दिवस के दिन मां को उपहार के रूप में गुलनार का फूल दिया जाता है, ये दिन वहां गरीब माताओं की मदद के लिए 1997 में निर्धारित किया गया था
अमेरिका में सबसे पहले मदर डे प्रोक्लॉमेशन जुलिया वॉर्ड होवे ने मनाया था. होवे नारीवादी थीं. उनके अनुसार महिलाओं या माताओं को राजनीतिक स्तर पर अपने समाज को आकार देने का संपूर्ण दायित्व मिलना चाहिए.
कुछ देश 8 मार्च वुमंस डे को ही मदर्स डे की तरह मनाते हैं.



14 May, 2017

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