Father’s Day हर वर्ष विश्व में जून के तीसरे सप्ताह में मनाया जाता है. दुनिया मै आज के दिन सभी अपने पिता के सम्मान मै विशेष आयोजन रखते है पंरतु भारतीय संस्कृति मै हर रोज माता-पिता की सेवा करना जीवन मै बचपन से ही सीखया जाता है और बचपन से ही हमें यह बताया जाता है की हमारे सबसे बड़े शिक्षक हमारे माता – पिता होते है । दुनिया मै जब इंसान जब पैदा होता है और जिनको सामने पाता है वे माता-पिता ही होते है जिन्हें वह सबसे पहले देखता है और माता – पिता को देखकर और उनकी बातें सुनकर ही व्यक्ति वह संस्कारवान बनता है. जिस व्यक्ति के जीवन में माता – पिता का साथ होता है वह व्यक्ति इस दुनिया का सबसे खुशनसीब व्यक्ति होता है.
दुनिया में अधिकांश लोग अपने माँ से तो बहुत प्यार करते है लेकिन अपने पिता से एक दूरी बनाये रखते है जिससे एक बाप – बेटे के रिश्ते में वह खास बात नजर नहीं आती जो एक माँ और बेटे के रिश्ते में नजर आती है. हमें माँ की तरह अपने पिता से भी प्रेम और स्नेह रखना चाहिए. पिता का गुस्सा, गुस्सा नहीं उनका प्यार होता है. एक पिता यह नहीं बताता जीना कैसे है, बल्कि वह इस तरह से जीता है और दिखाता है कैसे जीना है. मैं जीने के लिए तो अपने पिता का कर्जदार हूँ
हमारे पिता हमारे आदर्श और हमारे असली हीरो होते है जिनसे हम जिंदगी भर सीखते रहते है. पिता हमैशा बताता है कि दुनिया में दो तरह के लोग रहते है. एक देने वाले और दूसरे लेने वाले. लेने वाले भले ही अच्छा खा ले लेकिन देने वाले अच्छी तरह सोते है । मेरे जीवन का प्रमुख उद्देश्य अपने बच्चो का पिता और अपनी पत्नी का बेहतर पति बनना जिसकी मैने कोशिश की है अगर मैं अपनी बात करूँ तो मेरे जीवन में मेरी सफलता में सबसे ज्यादा योगदान मेरे पिता का ही है. मेरे पापा जी की बातें मुझे आज भी याद आती है पंरतु मै उनके जैसा कभी नही बन सका चाहे लाख कोशिश करू पंरतु प्रयास हमैशा करता रहुगा उनकी कई बाते बहुत प्रेरित करती है और जीवन को एक नए उत्साह के साथ जीना सीखती है । देखा जाय तो पिता के बिना जीवन अधूरा है ।
किसी ने कहा है कि ;
पापा का आशीष बनात ,
बच्चे का जीवन सुखदाइ ,
पर बच्चे भूल ही जाते है ,
यह कैसी आँधी है आई |
उमाकांत व्यास