देश मै बदलते मोसम के कारण सभी मोसमो अस्थिरता हो गई है जिसके कारण देश अधिकांश हिस्से गर्मी से परेशान है ओर एक बड़े हिस्से में लोग तपती गर्मी के बीच पीने के पानी की किल्लत से भी परेशानी में हैं। पानी के लिए ऐसा एक जद्दोजहद चल रही है उज्जैन से कुछ दुरी पर ही के एक गांव है जिसके रहवासी जहां पानी के लिए जान की बाजी लगाते है । जी हां, उज्जैन के गिदगढ़ गांव में पानी भरने के लिए बच्चे गहरे कुएं में रस्सी से उतरते हैं। इस गांव में खारे पानी की वजह से पीने के पानी की भारी किल्लत है। ये तस्वीरें हमारे इसी समाज और आज के बदलते वक्त की हैं।
उज्जैन में करीब 60 किलोमीटर दूर चंबल किनारे का गांव गिदगढ़ पानी की भारी किल्लत से गुजर रहा है। 500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में एक बाल्टी पानी के लिए बच्चे 25 फीट गहरे कुएं में रस्सी से उतरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर बार इसी तरह से गर्मी शुरू होते है और गांव के हैंडपंप में पानी आना बंद हो जाता है और जिसमै खारा पानी मिलता है।
गांव के लोगों की प्यास बुझाने का एकमात्र सहारा रोड़ी माता के पास एकमात्र सार्वजनिक कुआं है जिसमें भी पानी बहुत कम ही बचा है। बारी-बारी से बच्चे कुएं में उतरते हैं और किसी तरह पीने के पानी का जुगाड़ करते हैं।
पानी की इस समस्या पर प्रशासन हमैशा ही आश्वासन देता रहता है ।