रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता मजदुरो के अब राज्य सरकार उनके खाते सीधे पैसे जमा करेगी । एक नई योजना के अंतर्गत तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब घर बैठे उनकी मजदूरी सीधे उनके खाते में आएगी। इससे दुरदराज मै रहने वाले ग्रामीण को घर बैठे मजदुरी मिलेगी और उनको बैंक का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
राज्य सरकार द्वारा इसका प्रपोजल बनाकर भेज दिया गया है, जल्द ही शासन स्तर पर एजेंसी नियुक्त की जाएगी। लघुवन उपज विभाग के अधिकारी ने बताया कि चार से पांच माह में इस योजना की शुरूआत कर दी जाएगी।
लघुवन उपज विभाग द्वारा वर्तमान में प्रदेशभर के संग्राहकों को चेक के माध्यम से भुगतान किया जाता है। संग्राहकों को चेक से भुगतान मिलने पर वह अपने नजदीकी बैंक शाखा में चेक को भुगतान के लिए जमा करते हैं। ऐसे में संग्राहकों के हाथ में पैसा आने में सप्ताह भर से ज्यादा लग जाता है। बैंक द्वारा समय पर पैसे का भुगतान ना किए जाने पर उनको कई बार बैंक का चक्कर लगाना पड़ता हैं। लघुवन उपज विभाग के अकिारी ने बताया ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए एजेंसी नियुक्त की जाएगी। एजेंसी से साफ्टवेयर का निर्माण कराया जाएगा।
छत्तीसगढ़ के जंगलों से इस साल 14 लाख 84 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ते की आवक दर्ज की गई है। प्रति मानक बोरा दो हजार 500 रुपये के हिसाब से इसकी खरीद प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों से संबद्ध 10 हजार फड़ों के जरिये की गई है। संग्राहकों को लगभग 371 करोड़ रुपये का पारिश्रमिक इस वर्ष दिया गया है।