भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और टीम डायरेक्टर रहे रवि शास्त्री ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की प्रतिष्ठित क्रिकेट कमेटी से इस्तीफ़ा दे दिया है. इस कमेटी में वे मीडिया प्रतिनिधि थे. आईसीसी की इस क्रिकेट कमेटी के चेयरमैन अनिल कुंबले हैं. हाल ही में अनिल कुंबले ने रवि शास्त्री को भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच की दौड़ में पीछे छोड़ दिया था. रवि शास्त्री ने , "मैंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. मैं वहाँ छह साल से था और मेरी कुछ अलग व्यस्तता भी है." आधिकारिक रूप से ये बताया जा रहा है कि कमेंटेटर, टीवी एक्सपर्ट और कॉलम लिखने के कारण वे व्यस्त हैं और इसलिए उन्होंने ये फ़ैसला किया है.
हालाँकि ऐसी भी अटकलें हैं कि हेड कोच को लेकर उनकी बयानबाज़ी भी इसकी वजह हो सकती है. इसे लेकर उनमें और सौरभ गांगुली में काफ़ी बयानबाज़ी हुई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में अनिल कुंबले को भारतीय क्रिकेट टीम का हेड कोच नियुक्त किया है. इस बार बीसीसीआई ने कोच पद के इंटरव्यू के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसमें संजय जगदाले के अलावा सचिन तेंदुलकर, सौरभ गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण भी थे. अनिल कुंबले की नियुक्ति के बाद रवि शास्त्री ने सौरभ गांगुली की भूमिका पर सवाल उठाए थे और कहा था कि गांगुली ने उनका अनादर किया था.
शास्त्री का कहना था कि गांगुली उनके इंटरव्यू के दौरान मौजूद नहीं थे. बाद में गांगुली ने शास्त्री की टिप्पणी पर नाराज़गी जताते हुए कहा था कि वे ग़लतफ़हमी में हैं. गांगुली ने कहा था कि उन्होंने इस बारे में पहले ही बता दिया था कि वे बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (सीएबी) की एक मीटिंग के कारण उस समय वहाँ नहीं होंगे. गांगुली ने कहा था कि अगर रवि शास्त्री इस इंटरव्यू को लेकर इतने गंभीर थे, तो उन्हें भी बैंकॉक से स्काइप के माध्यम से इंटरव्यू नहीं देना चाहिए था, बल्कि ख़ुद उपस्थित रहना चाहिए था.