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होलिका दहन की पूजा-अर्चना, जानें क्या है शुभ मुहूर्त और होली के अदभुत प्रयोग जिससे लाभ होगा

होली के रंगों को खास मनाने के लिए होलिका दहन का अपना महत्व होता है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है. पूर्णिमा के दिन चौराहों पर होलिका दहन किया जाता है. इस दिन बड़ी संख्याओं में महिलाएं होली की पूजा करती हैं. होलिका पूजा और दहन में परिक्रमा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है.

फाल्गुन माह की पूर्णिमा के रात को भद्रा रहित प्रदोष काल में होली दहन को श्रेष्ठ माना गया है. मान्यता है कि इस पूजा से घर में सुख और शांति आती है. कहा जाता है कि परिक्रमा करते हुए अगर अपनी इच्छा कह दी जाए तो वो सच हो जाती है. होली की बची हुई अग्नि और भस्म ठंडी हो जाने पार लोग इसे अपने घर पर ले जाते हैं, कहते हैं ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है.

होलिका दहन का मुहूर्त
20 मार्च को पूजा करने का मुहूर्त- प्रातः 10:45 से रात्रि 08:59 तक
रात 09 बजे के बाद होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

होली विशेष 🌷
होली का दिन चंद्रमा का प्रागट्य दिन है | जो लोग सदा किसी न किसी दुःख से पीड़ित रहते हो , तो दुःख और शोक दूर करने के लिए विष्णु-धर्मोत्तर ग्रंथ में बताया है कि होली के दिन भगवान के भूधर स्वरुप अर्थात पृथ्वी को धारण करनेवाले भगवान का ध्यान और जप करना चाहिये | मंत्र बोलना चाहिये होली के दिन इनका विशेष माहात्म्य और फायदे हैं -
ॐ भूधराय नम:..... ॐ भूधराय नम: ..... ॐ भूधराय नम:
और नीचे श्लोक एक बार बोलना और भगवान को, गुरु को विशेषरूप से प्रणाम और पूजन कर लें –
धरणीम् च तथा देवीं अशोकेती च कीर्तयेत् |
यथा विशोकाम धरणी कृत्वान्स्त्वां जनार्दन: ||
( हे भगवान जब जब भी पृथ्वी देवी असुरों से पीड़ित होकर आपको पुकारती है , तब तब आप राक्षसों का वध करते हैं और पृथ्वी को धारण करके उसका शोक दूर कर देते हैं | ऐसे आप भगवान मेरे भी शोक, दुःख आदि का हरण करें और मुझे धारण करें | ) खाली होली के दिन ये करें |
और होली की रात को चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिये | जिनके घर में पैसों की तंगी रहती है, आर्थिक कष्ट सहना पड़ता है | तो होली के रात दूध और चावल की खीर बनाकर चंद्रमा को भोग लगाये | पानी, दूध, शक्कर, चावल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दे , दिया जलाकर दिखायें और थोड़ी देर चंद्रमा की चाँदनी में बैठकर गुरुमंत्र का जप करें | और प्रार्थना करें हमारे घर का जो आर्थिक संकट है वो टल जायें, कर्जा है तो उतर जाये | होली की रात फिर बैठकर जप करें बहुत फायदा होगा | चंद्रमा उदय होने पर चंद्रमा में भगवान विष्णु, लक्ष्मी और सूर्य की भावना करके अर्घ्य देना चाहिये , कि सामने भगवान विष्णु ही बैठे हैं | भगवान ने गीता में कहा ही है कि नक्षत्रों का अधिपति चन्द्रमा मैं ही हूँ | ये शास्त्रों की बात याद रखें कि दुःख की और कर्जे की ताकत नहीं कि उस आदमी के सिर पर बना रहे |
श्रीर्निषा चन्द्र रुपस्त्वं वासुदेव जगत्पते |
मनोविलसितं देव पूर्यस्व नमो नमः ||
ॐ सोमाय नम: |
ॐ नारायणाय नम: |
ॐ श्रीं नम: |
लक्ष्मीजी का मंत्र – ॐ श्रीं नम: होली की रात घर मे आर्थिक परेशानी को दूर भगाने वाला ये सरल प्रयोग है |
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,फाल्गुन मास की पूर्णिमा(20 मार्च,बुधवार)को किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आज हम आपको होली पर किए जाने वाले कुछ साधारण उपाय बता रहे हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं-
गतांक से आगे........
शीघ्र विवाह के लिए उपाय 👰🏻
होली की सुबह एक साबुत पान पर साबुत सुपारी एवं हल्दी की गांठ शिवलिंग पर चढ़ाएं तथा पीछे पलटे बगैर अपने घर आ जाएं। यही प्रयोग अगले दिन भी करें। जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं।
रोग नाश के लिए उपाय 🤕
अगर आप किसी बीमारी से परेशान हैं, तो इसके लिए भी होली की रात को खास उपाय करने से आपकी बीमारी दूर हो सकती है। होली की रात आप नीचे लिखे मंत्र का जप तुलसी की माला से करें। इससे आपकी परेशानी दूर हो सकती है।
मंत्र- ऊं नमो भगवते रुद्राय मृतार्क मध्ये संस्थिताय मम शरीरं अमृतं कुरु कुरु स्वाहा
धन लाभ के लिए उपाय 💰
होली की रात चंद्रमा के उदय होने के बाद अपने घर की छत पर या खुली जगह, जहां से चांद नजर आए, वहां खड़े हो जाएं। फिर चंद्रमा का स्मरण करते हुए चांदी की प्लेट में सूखे छुहारे तथा कुछ मखाने रखकर शुद्ध घी के दीपक के साथ धूप एवं अगरबत्ती अर्पित करें। अब दूध से चंद्रमा को अर्ध्य दें।
अर्ध्य के बाद सफेद मिठाई तथा केसर मिश्रित साबूदाने की खीर अर्पित करें। चंद्रमा से समृद्धि प्रदान करने का निवेदन करें। बाद में प्रसाद और मखानों को बच्चों में बांट दें। फिर लगातार आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा की रात चंद्रमा को दूध का अर्ध्य दें। कुछ ही दिनों में आप महसूस करेंगे कि आर्थिक संकट दूर होकर समृद्धि निरंतर बढ़ रही है।
हिन्दू पंचांग ~ 🌞

ऐसे करें होलिका दहन
सबसे पहले होलिका दहन के स्थान को पहले गंगाजल से शुद्ध करें. फिर गुलर के पेड़ की टहनी होलिका डंडा बीच में रखें. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इसे भक्त प्रहलाद का प्रतीक एक डंडा होता है. इसके बाद सामान्य लकड़ियां, उपले और घास चढ़ाएं और कपूर के साथ अग्नि प्रज्वलित करें. अग्नि में रोली, पुष्प, चावल, आदि चीजें चढ़ाएं और फिर ॐ प्रह्लादये नमः बोलकर होलिका की परिक्रमा करें. आखिर में गुलाल डालकर लोटे से जल चढ़ाएं.

ये है होलिका दहन की कहानी
हिरण्यकशिपु के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे. लेकिन हिरण्यकशिपु भगवान विष्णु का घोर विरोधी था. हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने की कई बार कोशिश की. कहा जाता है उसने प्रहलाद को मारने के लिये बहन होलिका का सहारा लिया था. होलिका को आग में ना जलने का वर

ये है होलिका दहन की कहानी
हिरण्यकशिपु के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे. लेकिन हिरण्यकशिपु भगवान विष्णु का घोर विरोधी था. हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने की कई बार कोशिश की. कहा जाता है उसने प्रहलाद को मारने के लिये बहन होलिका का सहारा लिया था. होलिका को आग में ना जलने का वरदान मिला था, इस कारण होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई थी. लेकिन श्री विष्णु ने प्रह्लाद की रक्षा की और होलिका आग्नि में भस्म हो गई. तभी से होलिका दहन की प्रथा शुरू हो गई.

होली के अदभुत प्रयोग

होली की पूजा मुखयतः भगवान विष्णु (नरसिंह अवतार) को ध्यान में रखकर की जाती है।
घर के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में देशी घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। होली की ग्यारह परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए। इससे सुख-समृद्धि बढ़ती है, कष्ट दूर होते हैं।
होली पर पूरे दिन अपनी जेब में काले कपड़े में बांधकर काले तिल रखें। रात को जलती होली में उन्हें डाल दें। यदि पहले से ही कोई टोटका होगा तो वह भी खत्म हो जाएगा।
होली दहन के समय ७ गोमती चक्र लेकर भगवान से प्रार्थना करें कि आपके जीवन में कोई शत्रु बाधा न डालें। प्रार्थना के पश्चात पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ गोमती चक्र दहन में डाल दें।
होली दहन के दूसरे दिन होली की राख को घर लाकर उसमें थोडी सी राई व नमक मिलाकर रख लें। इस प्रयोग से भूतप्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।
होली के दिन से शुरु होकर बजरंग बाण का ४० दिन तक नियमित पाठ करनें से हर मनोकामना पूर्ण होगी।
यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो रही हो, तो २१ गोमती चक्र लेकर होली दहन के दिन रात्रि में शिवलिंग पर चढा दें।
नवग्रह बाधा के दोष को दूर करने के लिए होली की राख से शिवलिंग की पूजा करें तथा राख मिश्रित जल से स्नान करें।
होली वाले दिन किसी गरीब को भोजन अवश्य करायें।
होली की रात्रि को सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाकर पूजा करें व भगवान से सुख - समृद्धि की प्रार्थना करें। इस प्रयोग से बाधा निवारण होता है।
यदि बुरा समय चल रहा हो, तो होली के दिन पेंडुलम वाली नई घडी पूर्वी या उत्तरी दीवार पर लगाए। परिणाम स्वयं देखे।
राहु का उपाय - एक नारियल का गोला लेकर उसमे अलसी का तेल भरें। उसी में थोडा सा गुड डाले। फिर उस नारियल के गोले कोअपने शरीर के अंगो से स्पर्श करवाकर जलती हुई होलिका में डाल दे। आगामी पूरे वर्ष भर राहू परेशान नहीं करेगा।
राहु का उपाय - अलसी के तेल में सेब फल को भिगोकर उसमे राहू ग्रस्त व्यक्ति अपनी उम्र/ आयु अनुसार उतने ही लॉन्ग लगायें। फिर उस सेबफल को हाथ में लेकर जलती हुई होली की चार परिक्रमा लगायें और इष्ट देवता का नाम स्मरण करते हुए.राहू मुक्ति की प्रार्थना करते हुए उसी जलती हुई होली में डाल दे।
मनोकामना की पूर्ति हेतु होली के दिन से शुरू करके प्रतिदिन हनुमान जी को पांच लाल पुष्प चढ़ाएं, मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी।
होली की प्रातः बेलपत्र पर सफेद चंदन की बिंदी लगाकर अपनी मनोकामना बोलते हुए शिवलिंग पर सच्चे मन से अर्पित करें। बाद में सोमवार को किसी मंदिर में भोलेनाथ को पंचमेवा की खीर अवश्य चढ़ाएं, मनोकामना पूरी होगी।
रोजगार प्राप्ति हेतु होली की रात्रि बारह बजे से पूर्व एक दाग रहित बड़ा नीबू लेकर चौराहे पर जाएं और उसकी चार फांक कर चारों कोनों में फेंक दें। फिर वापिस घर जाएं किंतु ध्यान रहे, वापिस जाते समय पीछे मुड़कर न देखें। उपाय श्रद्धापूर्वक करें, शीघ्र ही बुरे दिन दूर होंगे व रोजगार प्राप्त होगा।
स्वास्थ्य लाभ हेतु स मृत्यु तुल्य कष्ट से ग्रस्त रोगी को छुटकारा दिलाने के लिए जौ के आटे में काले तिल एवं सरसों का तेल मिला कर मोटी रोटी बनाएं और उसे रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर भैंस को खिला दें। यह क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहें।
व्यापार लाभ के लिए होली के दिन गुलाल के एक खुले पैकेट में एक मोती शंख और चांदी का एक सिक्का रखकर उसे नए लाल कपड़े में लाल मौली से बांधकर तिजोरी में रखें, व्यवसाय में लाभ होगा।
होली के अवसर पर एक एकाक्षी नारियल की पूजा करके लाल कपड़े में लपेट कर दूकान में या व्यापार स्थल पर स्थापित करें। साथ ही स्फटिक का शुद्ध श्रीयंत्र रखें। उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ में दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होगी।
धनहानि से बचाव के लिए होली के दिन मुखय द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर द्विमुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धनहानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। यह क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि से बचाव होगा।
दुर्घटना से बचाव के लिए होलिका दहन से पूर्व पांच काली गुंजा लेकर होली की पांच परिक्रमा लगाकर अंत में होलिका की ओर पीठ करके पांचों गुन्जाओं को सिर के ऊपर से पांच बार उतारकर सिर के ऊपर से होली में फेंक दें।
होली के दिन प्रातः उठते ही किसी ऐसे व्यक्ति से कोई वस्तु न लें, जिससे आप द्वेष रखते हों। सिर ढक कर रखें। किसी को भी अपना पहना वस्त्र या रुमाल नहीं दें। इसके अतिरिक्त इस दिन शत्रु या विरोधी से पान, इलायची, लौंग आदि न लें। ये सारे उपाय सावधानीपूर्वक करें, दुर्घटना से बचाव होगा। आत्मरक्षा हेतु किसी को कष्ट न पहुंचाएं, किसी का बुरा न करें और न सोचें। आपकी रक्षा होगी।
अगर आपके घर में कोई शारीरिक कष्टों से पीड़ित है, ओर उसको रोग छोड़ नहीं रहे है तो 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र बीमार ब्यक्ति के शरीर से 21 बार उतार कर होली की अग्नि में डाल दे . . शारीरिक कष्टों से शीघ्र मुक्ति मिल जायेगी
नौकरी में पदोन्नति के लिए, जितने वर्ष की नौकरी आप कर चुके हों, उतने ही प्राण-प्रतिष्ठित गोमती चक्र होली के दिन शिवलिंग पर चढ़ा दें व मनोभाव से प्रार्थना करें।

 

विदेश यात्रा में यदि अड़चन आ रही हो तो, होली के दिन होलिका-पूजन के उपरान्त “विष्णु-सहस्त्रनाम” तथा “नारायण-कवच” के तीन पाठ करें व मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करें।
बरकत न हो, तो होली के दिन हनुमानजी के किसी सिद्ध-प्राचीन मन्दिर में ७ बताश, १ जनेऊ, १ पान अर्पित करें। उसके बाद तीन मंगलवार लगातार चढ़ाएं।
व्यवसाय में निरन्तर घाटा हो रहा हो, तो चाँदी का ठोस हाथी होली के दिन घर रखें।
होली के पर्व पर एक नए लाल कपडे में लाल गुलाल को बांधकर ( पोटली बना कर ) किसी तश्तरी में अपनी दुकान या घर की तिजोरी में स्थापित करने पर व्यक्ति को जीवन में अपने कार्यों में लगातार लाभ की प्राप्ति होती है , धन का आना लगातार बना रहता है ।


सौजन्य ; हिन्दू पंचांग , ज्योतिष शास्त्र

 

20 March, 2019

चारधाम यात्रा के लिए एक हफ्ते में 12.48 लाख श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन कराकर रिकार्ड बनाया
पिछले साल एक सप्ताह में लगभग चार लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया था
अयोध्या मै रामलला का सूर्य तिलक हुआ, मस्तक पर सूरज की रोशनी चमकती रही आस्था का जनसैलाब उमडा ;
मंदिर परिसर श्रीराम के नारे के उद्घोष से गूंज उठा
अयोध्या धाम में रामनवमी पर्व को लेकर सुरक्षा के कड़े प्रबंध
रामनवमी मेला का 9 अप्रैल से शुभारंभ हो चुका है, 17 अप्रैल रामनवमी तक रहने वाला है।
52 दिन चलने वाली अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होगी
15 अप्रैल से देशभर में अधिकृत बैंक शाखाओं में एडवांस बुकिंग प्रक्रिया शुरू होगी.
आज आपका दिन कैसा रहेगा राशिफल के अनुसार ,जाने
आज चैत्र कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि और गुरुवार का दिन 04-04-24 तारीख है।