इंदौर : प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल एमवाय का जीर्णोद्धार करवा करके संभागायुक्त संजय दुबे भले से वाहवाही लेने में पीछे नहीं रहे, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही पर उनका ध्यान नहीं जा रहा है, यह अपने आप में सोचने वाली बात है। शायद ही कोई ऐसा दिन होता हो जब एमवाय में डॉक्टरों की लापरवाही का शिकार होकर मरीज की जान न जाती हो। अभी बच्चों की मौत का मामला ठंडा भी नहीं हुआ था कि बुधवार देर रात एक गर्भवती महिला की मौत हो जाने के चलते एमवाय प्रबंधन पर एक बार फिर अंगुलिया उठनी शुरू हो गई है।जानकारी के अनुसार बाणगंगा निवासी मुस्कान पति पंकज को बुधवार को उसके परिजन एमवाय में एडमिट कराएं। डॉक्टरों ने प्राथमिक तौर पर देखते हुए मरीज को एडमिट कर लिया और आपरेशन के माध्यम से बच्चा भी बाहर निकाल दिया। लेकिन आॅपरेशन के दौरान मरीज के शरीर से काफी मात्रा में खून बाहर आ गया था, इसके बाद भी डॉक्टरों ने कोई विशेष देखभाल की व्यवस्था नहीं की। मरीज की बिगड़ती स्थिति को देखकर जब परिजनों ने डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी, तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टर अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए डॉक्टरों ने उक्त मरीज को रात भर वेटिलेंटर पर रखे रहे और सुबह होते ही परिजनो से कह दिए हार्ट बीट बंद होने से मुस्कान की मौत हो गई। इसके बाद मरीज के परिजन डॉक्टरो ंपर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजनों की डॉक्टरों के खिलाफ केस करने के लिए एमवाय स्थिति पुलिस चौकी पर गए लेकिन वहां उनकी एक न सुनी गई । तब जाकर संयोगितागंज थाने पर जाकर मरीज के परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की।