नई दिल्ली: पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कांग्रेस में कलह रुकने का नाम नहीं ले रही है कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश का अध्यक्ष बनाने के बाद भी सिद्धू ने और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच कलह रुकने का नाम नहीं ले रही है । नवजोत सिद्धू को प्रदेश का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद भी उन्होंने अपना काम शुरू नहीं किया है उसके लिए उन्होंने एक और शर्त रखी है सिद्धू ने नए महाधिवक्ता की नियुक्ति पर जोर दे रहे हैं उन्होंने कहा कि जिस दिन महाधिवक्ता नियुक्त किया जाएगा और नए डीजीपी का पैनल प्राप्त होगा वह कार्यालय में अपना काम शुरू कर देंगे ।
उनकी इस घोषणा के बाद एडवोकेट जनरल ए पी एस देओल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और पंजाब सरकार के महानिदेशक की नियुक्ति के लिए संघ लोक सेवा आयोग को 10 नामों की सूची भेजी है । सिद्धू ने कहा है कि जब आप सच्चाई के रास्ते पर होते हैं तो आपका पद मायने नहीं रखता है ।
19 जुलाई को राज्य प्रमुख नियुक्त किए गए सिद्धू ने चरणजीत चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्रियों के विभागों के आवंटन के कुछ समय के बाद ही अपना इस्तीफा दे दिया था जोकि अमरिंदर सिंह के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया कांग्रेस ने राज्य के नए प्रभारी हरीश चौधरी को नियुक्त किया परंतु नवजोत सिद्धू की आकांक्षाओं को पूरा नहीं होने पर सिद्धू ने अभी तक अपना कार्यालय में काम शुरू नहीं किया और मुद्दों का हल भी नहीं हुआ ।
पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की नई पार्टी बनने के बाद का कांग्रेस के कई असंतुष्ट नेता उनके संपर्क में है आगे देखना है कि कितने का असंतुष्ट कांग्रेसी अमरिंदर सिंह के साथ जाते हैं