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दिल्ली हाईकोर्ट ने हवाईअड्डों और विमान में मास्क न लगाने वाले यात्रियों पर कड़ी कार्रवाई का दिया आदेश

नयी दिल्ली, दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को हवाईअड्डों और विमान में मास्क लगाने तथा हाथ धोने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि कोविड-19 महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है और रह-रहकर सिर उठा रही है। अदालत ने कहा कि कोविड-19 से बचाव से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ न सिर्फ मामला दर्ज होना चाहिए, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि ऐसे लोगों को 'नो-फ्लाई (उड़ान निषेध) सूची में डाल देना चाहिए। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सख्ती जरूरी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि ऐसा कई बार देखा गया है कि गंभीरता से नियमों का पालन नहीं होता, इसलिए यह आवश्यक है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) समेत अन्य एजेंसियां नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें। पीठ ने कहा, इसके लिए डीजीसीए को विमानन कंपनियों को अलग से बाध्याकारी निर्देश जारी करना चाहिए, ताकि वे हवाईअड्डों और विमानों में कर्मचारियों, एयर होस्टेस, कप्तान, पायलट व अन्य स्टाफ को उन यात्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अधिकार प्रदान करें, जो मास्क लगाने तथा हाथ धोने से जुड़े नियमों का उल्लंघन करते मिलते हैं। अदालत ने डीजीसीए की वकील अंजना गोसाईं की इस दलील का संज्ञान लिया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 10 मई को एक अन्य आदेश जारी कर कोविड-19 से बचाव के नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा था। गोसाईं खुद कोविड-19 से संक्रमित हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि हवाईअड्डों और विमानों में मास्क से जुड़े नियमों पर कड़ाई से अमल करवाया जा रहा है। पीठ ने कहा, उक्त आदेश सही दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है और रह-रहकर सिर उठा रही है। अदालत ने कहा कि दिशा-निर्देश पहले से हैं और उनका अनुपालन ठीक तरीके से नहीं हो रहा है, जो असल समस्या है। पीठ ने कहा कि दिशा-निर्देशों पर अमल के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं और मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की।
अदालत ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया, जो उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश के अनुभव के आधार पर दायर की गई थी। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने हवाईअड्डे से विमान में जाते यात्रियों को मास्क नहीं लगाए देखा था, जिसके बाद उन्होंने आठ मार्च 2021 को स्थिति का स्वत: संज्ञान लिया था।००

03 June, 2022

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