ढाका. भारत और बांग्लािदेश के बीच रेल संपर्क के क्षेत्र में एक महत्वापूर्ण कदम के रूप में आज हल्दीतवाड़ी-चिलाहाटी मार्ग से होते हुए स्टोमनचिप से लदी तीस डब्बों वाली भारतीय मालगाड़ी बांग्लाादेश के चिलाहाटी स्टेनशन पहुंची। इस रेलगाड़ी को कल रात पूर्वोत्तीर सीमांत रेलवे के दामदिम स्टेिशन से रवाना किया गया। भारत पाकिस्ता्न के बीच 1965 के युद्ध के 56 साल के अंतराल के बाद इस मार्ग पर रेल संचालन पुन: शुरू किया गया है।
पिछले साल 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र् मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्चुअल शिखर सम्मे7लन के दौरान हल्दीनवाड़ी-चिलाहाटी रेलमार्ग का उद्घाटन किया था।
बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती और उनके बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 साल के समारोह में शामिल होने के लिए 26-27 मार्च को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बांग्लादेश की राजकीय यात्रा के दौरान बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच 1965 से पहले के सभी रेल संपर्क बहाल करने का वादा किया था
1947 में विभाजन के बाद 1965 तक, जब भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, दोनों देशों के बीच रेल सेवा बंद हो गई थी, तब तक 7 रेल लिंक चालू थे। बहाली के बाद, शेख हसीना और मोदी ने संयुक्त रूप से 17 दिसंबर, 2020 को पीएम स्तर के वर्चुअल द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान चिल्हाटी (बांग्लादेश)-हल्दीबाड़ी (भारत) रेल लिंक का उद्घाटन किया। उन्होंने ढाका से न्यू जलपाईगुड़ी तक मिताली एक्सप्रेस ट्रेन का संयुक्त रूप से उद्घाटन भी किया।
शेख हसीना सरकार ने 80, 16, 94,000 टका की लागत से चिलाहाटी रेलवे स्टेशन से सीमा तक 6.724 किमी ब्रॉड गेज रेलवे के निर्माण और 2.36 किमी लूप लाइन और अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण का प्रोजेक्ट लिया है। वर्तमान में, बांग्लादेश और भारत के बीच चार परिचालन रेल लिंक- बेनापोल (बांग्लादेश)-पेट्रापोल (भारत), दर्शन (बांग्लादेश)-गेडे (भारत), रोहनपुर (बांग्लादेश)-सिंहाबाद (भारत), और बिरोल (बांग्लादेश)- राधिकापुर (भारत) हैं।
हल्दीलवाड़ी-चिलाहाटी रेलमार्ग पर संचालन शुरू हो जाने से भारत और बांग्लाददेश के बीच रेल संपर्क और आपसी व्यांपार को और मजबूती मिलेगी। इस मार्ग पर यात्री रेलगाडियां भी चलाई जाएंगी। बांग्ला देश में भारतीय उच्चागयोग में रेल सलाहकार अनीाता बारिक ने बताया कि इस रेलमार्ग से बांग्लातदेश से दार्जलिंग, सिक्किम और द्वार्स जैसे स्थनलों के लिए पर्यटक आ सकेंगे।
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