नई दिल्ली : विश्व सिंह दिवस आज मनाया जा रहा है। इस दिन शेरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनकी घटती आबादी तथा संरक्षण के लिए समर्थन जुटाने पर जोर दिया जाता है। इस वर्ष का विषय है--'अफ्रीकी शेर का धीमा उन्मूलन। वर्तमान में, उन्हें इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की रेड लिस्ट में लुप्त होती प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। भारत में पाए जाने वाले एशियाई शेर ज्यादातर गिर वन और राष्ट्रीय उद्यान और इसके आसपास के क्षेत्रों में पाए जाते हैं। भारत के जंगलों में 650 शेर थे। इनमें 109 वयस्क नर, 201 मादा और वर्ष 2013 के शावक शामिल हैं। गुजरात एकमात्र ऐसा राज्य है जहां दुनिया में एशियाई शेरों की शत-प्रतिशत आबादी है।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अंतरराष्ट्रीय सिंह दिवस पर लोगों से शेरों के संरक्षण को बढावा देने के लिए जागरूक बनने का आह्वान किया है। एक संदेश में उपराष्ट्रपति ने कहा कि शेरों के पुराने ठिकानों को सुरक्षित रखने के लिए हर व्यरक्ति को अपने आप को फिर से समर्पित करना चाहिए।
पर्यावरण मंत्री भुपेन्द्र यादव ने कहा कि गुजरात में तीन हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले शेर अभयारण्य में छह सौ 74 एशियाई शेर हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बडी बात है कि बडी बिल्ली प्रजाति का यह जानवर अपने खोए हुए वर्चस्व को फिर से स्थापित करने में सफल रहा है।
आज विश्व सिंह दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शेरों के संरक्षण के लिए काम कर रहे लोगों को शुभकामनाएं दी है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि यह सभी के लिए खुशी की बात है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत में शेरों की संख्याि में वृद्धि हो रही है। उन्होंकने कहा कि सिंह अदभुत और साहसी जानवर है और भारत को गर्व है कि वह एशियाई शेरों की धरती है।
श्री मोदी ने बताया कि जब वे गुजरात के मुख्यगमंत्री थे तो उन्हें गिर शेरों के लिए सुरक्षित पर्यावास तैयार करने के काम का अवसर मिला। उन्होंकने कहा कि शेरों के पर्यावास को सुनिश्चित करने के लिए स्थांनीय समुदायों ने अनेक कदम उठाये हैं और इससे पर्यटन को भी बढावा मिलता है।