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09 May, 2025
विदेश

तालिबान के पास इतनी सम्पति कहां से आती है क्या है कमाई का जरिया ?

अफगानिस्तान : अफगानिस्तान मै एक बार फिर से 23 साल बाद तालिबान लौट आया है. जिससे चारों तरफ खौफ का माहौल है. बच्चे-बूढ़े-जवान और महिलाएं अपनी जिंदगी को बचाने के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं. लेकिन उनके पास पलायन के सिवा और कोई चारा नहीं. करीब पौने चार करोड़ की आबादी के सामने 1998 की तस्वीर है उन्हे जिन्दा रहने के लिये सघर्ष करना पड रहा है ।
कुछ दिन पहले काबुल एयरपोर्ट पर ऐसा लग रहा था कि जैसे वह कि ‘सारी जनता देश को खाली कर देगी । तालिबान का ऐसा डर की अमेरीका की फौज भी वहां से चलते बनी . आखिरकार तालिबान इतना मजबूत कैसे है? तालिबान ने महज 10 दिन में पूरे देश में अपना कब्जा कैसे जमा लिया? तालिबान के पास इतनी दौलत कहां से आई कि वो दुनिया के सबसे मजबूत देश अमेरिका को मात दे सके?

तालिबान की काली कमाई का सबसे बडा जरिया, तस्करी और अफीम उसकी कमाई का सबसे बड़ा जरिया है. दरअसल, अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती होती है. अफीम की खेती पर तालिबान का कब्जा है. दुनिया की 80 फीसदी अफीम यहीं होती है. तालिबान अफीम को बेचकर और उसकी तस्करी करके बशुमार दौलत कमाता है. इस बात का जिक्र यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) भी अपनी रिपोर्ट में कर चुका है.
एक रिपोर्ट के अनुसार मई 2021 में UNODC के मुताबिक, अफगानिस्ता में महामारी के वक्त भी सबसे ज्यादा अफीम का उत्पादन हुआ. साल 2017 के बाद से अफीम का रिकॉर्ड उत्पादन किया गया. साल 2020 में अफीम की खेती बड़े स्तर पर की गई. साथ ही दुनिया भर मै कोरोना महामारी की वजह से एक्सपोर्ट बंद होने से प्रोडक्शन में 37 फीसदी का उछाल देखने को मिला.
UNODC की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में अफीम के उत्पादन से तालिबान की करीब 10 हजार करोड़ रुपए की कमाई हुई. इस दौरान करीब 9900 टन अफीम का प्रोडक्श किया गया. इस उत्पादन के रेश्यो में हुई कमाई देश की GDP के मुकाबले 7 फीसदी रही. रिपोर्ट में बताया गया कि अफगानिस्तान में अवैध अफीम की इकोनॉमी करीब 49 हजार करोड़ रुपए की है. बता दें, अफीम का बड़ा स्तर पर दवाओं पर इस्तेमाल होता है. अफगानिस्तान से अफीम का बड़ा एक्सपोर्ट भी होता है.

तालिबना सिर्फ अफीम तस्करी से ही नहीं कमाता बल्कि अफीम का कारोबार करने वालों से टैक्स भी वसूलता है. UN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018-19 में ड्रग ट्रेड से तालिबान के पास करीब 3 हजार करोड़ रुपए आए.रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान की 60-70 फीसदी कमाई नशे के कारोबार से होती है. इसमें अफीम जैसे दूसरे पदार्थ भी शामिल हैं. हालांकि, तालिबान की कमाई का कोई आधिकारिक ब्योरा नहीं है. 2016 फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के टॉप-10 आतंकी संगठनों में से तालिबान पांचवां सबसे अमीर दहशतगर्दी संगठन है. फोर्ब्स ने बताया है कि तालिबान का सालाना कारोबार 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर (29,71 करोड़ रुपए है) का है. ये आंकड़ा साल 2016 का है ।

 

 

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