चेन्नई , मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशक (डीवीएसी) द्वारा पूर्व मंत्री और अन्नाद्रमुक नेता एसपी वेलुमणि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वेलुमणि के खिलाफ निर्माण कार्य के लिए ठेका देने में कथित अनियमितताओं के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। द्रमुक के सत्तारुढ़ होने के बाद तमिलनाडु डीवीएसी ने एमआर विजयभास्कर, सी विजयभास्कर, एसपी वेलुमणि, के.सी. वीरमणि, थगामणि सहित अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्रियों के परिसरों पर छापे मारे थे। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि सत्तारूढ़ राजनीतिक बदला ले रहा है।
मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति एन. माला की खंडपीठ ने प्राथमिकी पर अंतरिम रोक लगाने की पूर्व मंत्री की अपील को खारिज कर दिया।
खंडपीठ ने पूर्व मंत्री की प्राथमिकी रद्द करने की याचिका के खिलाफ महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
गैर सरकारी संगठन अर्रापूर अय्याकम और द्रमुक नेता आर.एस. भारती ने मंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने के लिए 2018 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
अन्नाद्रमुक सरकार जब सत्ता में थी तब पुलिस ने पूर्व मंत्री को क्लीनचिट दी थी। तत्कालीन सरकार ने उनकी रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था। द्रमुक सरकार ने 2021 में पदभार संभाला, तो डीवीएसी ने कैग के प्रतिकूल अवलोकन के बाद एसपी वेलुमणि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।